मात्स्यिकी संपदा मूल्यांकन प्रभाग
अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र
भारतीय तट के समुद्री मछली अवतरणों के आकलन के ज़रिए विदोहित समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं का मूल्यांकन.
समुद्र से टिकाऊ उत्पादन के लिए भारत के प्रमुख समुद्री मछली प्रभवों के आवधिक मूल्यांकन के ज़रिए प्रबंधन परामर्श का विकास.
प्रतिरूपण के द्वारा मात्स्यिकी पूर्वानुमान एवं भारतीय अनन्य आर्थिक मेखला के लिए समुद्री मात्स्यिकी शक्यता एवं इष्टतम बेड़ा आकार का पुनर्वैधीकरण.
मत्स्य प्रभव के मूल्यांकन के लिए मॉडल एवं सोफ्टवेयर का विकास, मात्स्यिकी पूर्वानुमान एवं मात्स्यिकी आंकड़े का सांख्यकीय विश्लेषण.
उपग्रह से व्युत्पन्न आंकड़े एवं मॉडल उपयुक्त करके समुद्री संपदाओं का जियो- रेफरेंसिंग. मछुआरों, मत्स्यन यानों एवं गिअरों की पंचवर्षीय गणना.
चालू अनुसंधान परियोजनाएं
क. गृहांतर परियोजनाएं
समुद्री मात्स्यिकी क्षेत्र के लिए जी आइ एस पर आधारित प्रबंधन सलाहकार समर्थन सूचना प्रणाली |
भारतीय समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं के लिए दूर संवेदन की सहायता से जीव गतिकी (बयोडाइनामिक) पूर्वानुमान नमूना |
ख. प्रायोजित परियोजनाएं
मात्स्यिकी क्षेत्र के लिए जी आइ एस और डाटा बेस को सशक्त करना – समुद्री मात्स्यिकी जनगणना 2015 (पशुपालन, डेयरी एवं मात्स्यिकी विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के केन्द्रीय क्षेत्र योजना का घटक) |
केरल के मैंग्रोवों के परिरक्षण मूल्य का निर्धारणः संपदा निर्धारण, आर्थिक मूल्यांकन और केरल तट के मैंग्रोव झुंडों का जैव निरीक्षण - पर्यावरण एवं वन मंत्रालय |
पूरी की गयी परियोजनाएं (पिछली योजना की अवधि)
क. गृहांतर परियोजनाएं
समुद्री मात्स्यिकी टिकाऊपन के लिए ज्ञान आधारित सूचना प्रणाली का विकास |
समुद्री मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली |
केरल तट की प्रमुख मात्स्यिकी का टिकाऊपन प्रोफाइलिंग – एक बहुआयामी स्केलिंग पहूंच |
ख. प्रायोजित परियोजनाएं
पशुपालन, डेयरी एवं मात्स्यिकी, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित “समुद्री मात्स्यिकी जनगणना 2012” |
एफ आर ए प्रभाग की मुख्य उपलब्धियॉं
“स्ट्राटिफाइड मल्टीस्टेज रान्डम साम्प्लिंग”, जो भारत के लिए ही अद्वितीय तरीका है, उपयुक्त करके राष्ट्रीय समुद्री मात्स्यिकी डाटाबेस का विकास एवं शोधन किया गया. इस प्रणाली से संस्थान वर्ष 1950 से लेकर राष्ट्रीय समुद्री मात्स्यिकी के डाटाबेस, जिसमें देश के पूरे तट पर अवतरण की गयी 1200 से अधिक प्रजातियॉं हैं, का अद्यतन एवं अनुरक्षण कर रहा है. यह सूचना संस्थान द्वारा टिकाऊ समुद्री मछली उत्पादन के लिए प्रबंधन उपाय विकसित करने के लिए आवधिक रूप से किए जाने वाले मछली स्टॉक निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण सामग्री है. इसके अतिरिक्त डाटाबेस के डाटा नीति योजनाकारों, मात्स्यिकी प्रबंधकों, समुद्री खाद्य निर्यातकों और अनुसंधान संग्रठनों द्वारा उपयुक्त किए जाते हैं. |
राष्ट्रीय समुद्री मात्स्यिकी जनगणना का आयोजन और विस्तृत जनगणना डाटाबेस का विकास और 11 रिपोर्टों (10 रिपोर्ट 9 समुद्रवर्ती राज्यों, एक संघ राज्य क्षेत्र और एक सारांश रिपोर्ट) के रूप में प्रकाशन. यह आंकडा सभी समुद्रवर्ती राज्यों, मात्स्यिकी अनुसंधान से जुड़े हुए सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा व्यापक रूप से चर्चित है. |
अवतरण के साठ दशकों के आंकड़ा (1950 – 2010) उपयुक्त करके संपदाओं को राष्ट्रीय स्तर पर 26 ग्रुपों में वर्गीकरण करते हुए विभिन्न वाणिज्यिक प्रमुख समुद्री मछली प्रजातियों का स्टॉक निर्धारण किया गया, जिससे यह व्यक्त हुआ कि 18 संपदा ग्रुप ‘प्रचुर’ क्लास, 5 ‘कम प्रचुर’ क्लास और एक एक ‘घटती होने वाली’, ‘समाप्त’ और ‘एकदम समाप्त’ क्लासों के अंदर आती हैं. |
कृषि मंत्रालय द्वारा गठित समिति द्वारा आबंटित कार्य के रूप में समुद्रवर्ती राज्यों, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्रा प्रदेश, तमिल नाडु, पुतुचेरी, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए शक्य प्राप्ति और इष्टतम बेड़ा आकार निर्धारित किए गए. |
जातिवार, गिअरवार और मत्स्यन मेखलावार अवतरण और मत्स्यन प्रयास की सूचना के साथ समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं पर राष्ट्रीय डाटाबेस विकसित किया गया. समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं के पकड़ और प्रयास की ऐतिहासिक सूचनाएं डिजिटाइस की गयीं. |
समुद्री मछली अवतरण आंकड़े के संसाधन, अलग जातिवार अवतरण और आर डी बी एम एस डाटाबेस में सूचना एक्स्पोर्ट करने के लिए कंप्यूटर सोफ्टवेयर विकसित किया गया. इसके अतिरिक्त आनुवंशिक आल्गोरितम उपयुक्त करके समय श्रेणी पूर्वानुमान, स्टॉक निर्धारण, बहुभिन्नरूपी विश्लेषण और अनुकूलन के लिए सांख्यिकीय औजार भी विकसित किए गए. |
फिश वॉच – निकट वास्तविक समय के आधार पर फील्ड सूचनाविकीर्णन के लिए नयी प्रणाली. देश के मुख्य 6 मत्स्यन पोताश्रयों की प्रमुख संपदाओं के अवतरण आंकड़े और अवतरण केन्द्र के मूल्य का परास वर्ष 2010 से लेकर दैनिक रूप से सी एम एफ आर आइ वेबसाइट में “फिश वॉच” के अंदर प्रकाशित किए गए हैं. |
आनाय रोध - सी एम एफ आर आइ अन्य अनुसंधान संगठनों और संघों / गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से समुद्री मात्स्यिकी संपदा एफ आर ए डाटासेट और संस्थान के सभी प्रग्रहण मात्स्यिकी प्रभागों के आंकडों के आधार पर दोनों तटों पर 47 दिनों के लिए यंत्रीकृत मत्स्यन बंद करने के लिए सक्षम है और कृषि मंत्रालय के डी ए डी एफ सफल रूप से मत्स्यन रोध का कार्यान्वयन करने में सक्षम है. |
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिल नाडु जैसे समुद्रवर्ती राज्यों के लिए प्रबंधन परामर्श / नीति प्रलेख विकसित किए गए ताकि इन राज्यों में समुद्री मात्स्यिकी का टिकाऊ विकास हा जाएगा. |
देश के पूर्व एवं पश्चिम तटों पर मत्स्यन विनियमों के केन्द्रित कार्यान्वयन पर पुनरीक्षण करने हेतु कृषि मंत्रालय द्वारा गठित समिति के लिए समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं के पकड़ और प्रयास समय श्रेणी उपयुक्त करके देश के सभी समुद्रवर्ती राज्यों के लिए आनाय रोध जैसे मात्स्यिकी विनिमयों के संभावित प्रभाव पर अध्ययन किया गया. |