मुम्बई अनुसंधान केन्द्र में छात्रों का मुआइना
महाराष्ट्र के तटीय भागों में अपशिष्टों की निगरानी
पर्यावरण की निगरानी और प्रभाव आकलन
समुद्री पिंजरा मछली पालन का प्रदर्शन
अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र
महाराष्ट्र के समुद्री मछली स्टॉक का आकलन |
महाराष्ट्र तट पर पर्यावरण प्रभाव का आकलन और समुद्री जैवविविधता का निर्धारण |
हितधारकों के लिए उचित प्रौद्योगिकियों और प्रबंधन परामर्शों का विकीर्णन |
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (विश्व बैंक, जी ई एफ, एशियन विकास बैंक आदि) और राष्ट्रीय निकाय |
शिक्षण, प्रशिक्षण और आर एंड डी के लिए अन्य भा कृ अनु प संस्थानों, भारत सरकार, राज्य सरकार, स्वायत्त निकायों, समितियों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों, गैर सरकारी संगठनों आदि के साथ सहयोग |
आगामी अनुसंधान परियोजनाएं
संकटपूर्ण समुद्री आवासों के लिए आवास तंत्र प्रक्रियाएं और पुनस्थापना के लिए नयाचार |
महाराष्ट्र की समुद्री मात्स्यिकी के टिकाऊपन के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन योजनाओं का विकास |
मात्स्यिकी प्रबंधन की कार्यनीतियों पर सुझाव देने के लिए भारतीय तट की पख मछलियों एवं कवच मछलियों के वितरण तथा प्रचुरता का जी आइ एस पर आधारित संपदा मानचित्रण |
भारतीय समुद्रों के बड़े पेलाजिकों की मात्स्यिकी एवं स्टॉक के टिकाऊपन के लिए कार्यनीतियों का विकास |
भारतीय समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं के लिए दूर संवेदन समर्थित बयोडायनामिक पूर्वानुमान प्रतिमान |
भारतीय समुद्रों के कमजोर मूंगा चट्टान आवास तंत्रों के परिरक्षण के लिए प्रबंधन उपायों के निर्माण पर विशेष संदर्भ में इन पर जांच |
जैवविविधता की सुरक्षा के लिए प्रबंधन उपायों के निर्माण पर विशेष संदर्भ में जैवविविधता नष्ट पर मत्स्यन प्रभावों का आकलन |
भारतीय समुद्रों में उपास्थिमीन संपदाओं का आकलन |
समुद्री पिंजरा मछली पालन एवं तटीय समुद्री संवर्धन में नवोन्मेष |
तटीय और समुद्री आवास तंत्रों में प्रदूषण और अपशिष्ट तथा इनका प्रभाव |
भारत की द्विकपाटी मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंध योजनाओं (एफ एम पी) का विकास |
भारत में समुद्री मात्स्यिकी सेक्टर का पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन |
जलवायु लचीला कृषि पर राष्ट्रीय नवोन्मेष (एन आइ सी आर ए) | भा कृ अनु प |
भारत के पश्चिम तट के वाणिज्यिक प्रमुख समुद्री शैवालों की विविधता स्तर | एन एफ बी एस एफ ए आर ए |
पूरी की गयी अनुसंधान परियोजनाएं (पिछली योजना अवधि)
महाराष्ट्र में टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए प्रबंधन परामर्श |
समुद्री मात्स्यिकी में संपदा क्षति का आकलनः आनाय मात्स्यिकी में किशोर मछली पकड़, उप पकड़ और अवांछित मछली पकड़ का प्रभाव |
भारतीय तट पर पेनिआइड़ झींगों की पुनरुत्पादन गतिकी |
समुद्री मात्स्यिकी प्रबंधन में पोषक प्रतिमान का प्रयोग |
तटीय पारिस्थितिकी और मात्स्यिकी में मानवीय हस्तक्षेपों का प्रभाव |
भारतीय तटों में छोटे पेलाजिकों के वितरण बदलाव में पारिस्थितिकीय परिवर्तनों के प्रभाव पर अध्ययन |
समुद्री पिंजरा मछली पालन में नवोन्मेष और प्रग्रहण पर आधारित टिकाऊ जलजीव पालन (सी बी ए) व्यवस्थाओं के विकास |
समुद्री मात्स्यिकी के टिकाऊपन के लिए ज्ञान पर आधारित सूचना व्यवस्थाओं का विकास |
भारतीय तट पर ट्यूना मात्स्यिकी के टिकाऊपन के लिए कार्यनीतियॉं (वर्ष 2010 से लेकर) |
कमजोर क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन क्षमता बढ़ाने की कार्यनीतियॉं | विश्व बैंक-जी ई एफ- एन ए आइ पी |
ग. परामर्श परियोजनाएं
वसिष्ठी नदी मुख की मात्स्यिकी संपदाओं का द्रुत आकलन और नदी से थेर्मल पावर प्लान्ट में पानी लेने और प्लान्ट से नदी में पानी के उत्सर्जन से साध्य प्रभाव | एम ए एच ए जी ई एन सी ओ- एन आइ ओ |
मुम्बई के टी पी एल, ट्रोम्बे, माहुल गॉंव में प्रस्तावित विस्तार परियोजना के लिए आधारभूत समुद्री आवास तंत्र और बार्जिंग संचालन के प्रभाव पर अध्ययन | टाटा परामर्श इंजिनीयर |
मुम्बई मलजल निपटान परियोजना (एम एस डी पी) चरण II के लिए आम सहमति बनाना और समुद्री मुहाने का पारिस्थितिक अध्ययन चलाना | एम सी जी एम-मोट एम |
प्रौद्योगिकियॉं / अवधारणाएं / जांच-परिणाम
प्रग्रहण मात्स्यिकी
- वाणिज्यिक प्रमुख प्रजातियों पर विचार करते हुए महाराष्ट्र की समुद्री मात्स्यिकी के प्रबंधन के लिए परामर्श
- लगभग 30 प्रजातियों पर जीवविज्ञानीय जांच और 23 प्रजातियों के स्टॉक निर्धारण के आधार पर आनाय बेड़ाओं की 47% तक घटती, दो मौसमों (10 जून से 15 अगस्त और 15 फरवरी से 15 मार्च तक) के दौरान आनाय मत्स्यन पर रोध के लिए सुझाव और वाशी-जाफराबाद (नर्सरी क्षेत्र) में पाम्फ्रेट मछली के किशोरों की कारली डोल मात्स्यिकी पर प्रतिबंध के लिए महाराष्ट्र राज्य मात्स्यिकी विभाग को सुझाव दिया गया.
- आनाय जाल मात्स्यिकी द्वारा उप पकड़ों और अवांछित मछली पकड़ की मात्रा का आकलन करके रिपोर्ट की गयी
- वाणिज्यिक प्रमुख मछलियों, झींगों और शीर्षपादों की वृद्धि का विश्लेषण और मृत्युता प्राचलों और रिक्रूटमेन्ट तरीकों का आकलन और स्टॉक निर्धारण करके रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी
- वाणिज्यिक प्रमुख वेलापवर्ती, तलमज्जी, क्रस्टेशियन और मोलस्क संपदाओं का द्रुत स्टॉक निर्धारण करके वर्तमान स्तर की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी
- जांच की गयी 18 प्रजातियों में से 11 प्रजातियों का इष्टतम स्तर पर विदोहन और 7 का कम विदोहन, दो शीर्षपाद प्रजातियों का इष्टतम स्तर पर विदोहन और वाणिज्यिक प्रमुख पेनिआइड झींगों की चार प्रजातियों का कम विदोहन किया गया
- रिक्रूटमेन्ट अतिमत्स्यन की वजह से पाम्फ्रेट के अंडजनकों के स्टॉक में हुई कमी का आकलन करके रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी
- महाराष्ट्र के नोन-पेनिआइड झींगों के रिक्रूटमेन्ट डायनामिक्स पर प्रतिमान किया गया
- महाराष्ट्र समुद्र के आवास तंत्र और जैवविविधता पर कोष संपाश मत्स्यन के प्रभाव का विश्लेषण किया गया और बेड़ाओं के आकार में विनियम पर महाराष्ट्र राज्य मात्स्यिकी विभाग को सलाह दिया गया
- मात्स्यिकी में तेल रिसाव के प्रभाव, मछुआरों के पर्यावरण एवं आजीविका पहलुओं का निर्धारण करके महाराष्ट्र राज्य मात्स्यिकी विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी
समुद्री संवर्धन
- महाराष्ट्र तट पर शक्य समुद्री संवर्धन स्थानों का चयन और ग्राउन्ड ट्रूथ आकड़े का संग्रहण, रत्नगिरी के नेवरे को खुला सागर पिंजरा मछली पालन के लिए सुझाया गया. शक्य समुद्री संवर्धन हेतु पूरे भारतीय तट के लिए व्यापक क्षेत्र विशेष स्थान के जी आइ एस मानचित्र तैयार किए गए.
- प्रग्रहण पर आधारित जलजीव पालन व्यवस्था के अंदर समुद्री संवर्धन के लिए कम लागत वाले जी आइ पाइप के पिंजरे (3 मी. का व्यास) विकसित किए गए. प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया और महाराष्ट्र के सीमांत मछुआरों द्वारा दत्तक ग्रहण किय जा रहा है.
- महाराष्ट्र की वाणिज्यिक प्रमुख पख मछलियों का संतति सर्वेक्षण करके इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी.
- महाराष्ट्र के मालवान (सिंधुदुर्ग) जिले में, पिंजरे में सिल्वर पोम्पानो (ट्रकिनोटस ब्लोची) का सफलतापूर्वक पालन किया गया.
- महाराष्ट्र के आदिवासी मछुआरों की कमाई बढ़ाए जाने हेतु आदिवासी उप योजना (टी एस पी) के अंदर किशोर महाचिंगटों (पी.पोलीफागस) के पालन का प्रचार किया गया.
मात्स्यिकी पर्यावरण प्रबंधन प्रभाग
- मत्स्यन क्षेत्रों में पर्यावरणीय प्राचलों जैसे लवणता, pH, तापमान, DO, आविलता, बी ओ डी, जीवाणु प्रदूषण (टी पी सी) और भारी धातुओं की जांच करने पर व्यक्त हुआ कि संकरी खाडि़यों और तटीय समुद्र में पानी की गुणता में गंभीर रूप से गिरावट हुआ है, बल्कि मुम्बई के चारों ओर के तटीय समुद्र में सामान्यतः स्वच्छ पानी देखा गया.
- जैव संचयन और बयोमाग्निफिकेशन का विश्लेषण के लिए पूर्व निर्धारित भारी धातुओं की जांच हेतु पानी, अवसाद, मछली, क्रस्टेशियन और मोलस्क के ऊतकों का संग्रहण किया गया.
- महाराष्ट्र के छोटे पेलाजिकों, विशेषतः तारली और बांगड़ा, के वितरण बदलाव में पर्यावरणीय प्रभाव और उपज अध्ययन आयोजित किया गया.
- महाराष्ट्र तट के 30 पुलिनों में प्लास्टिक और अपशिष्टों के मिश्रण और मात्रा का आकलन किया गया.
समाज विज्ञान
- mKRISHI® प्रौद्योगिकी : पहले रायगढ़ जिला में 20 सीधा लाभार्थी थे, जो अब 45 तक बढ़ गया और मेवत, धार, गंजाम और अन्य जिलों में आइ ए आर आइ एवं टी सी एस द्वारा करीब 3000 परोक्ष लाभार्थी है.
- mKRISHI® मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी : लगभग 56 मछुआरा सहकारी समितियों के 330 हितार्थियों को mKRISHI® मात्स्यिकी सेवाओं से समर्थित मोबाइल हैन्ड सेट प्रदान किए गए. रायगढ़ तट पर करीब 30-33 कि.मी. की दूरी में गहरे सागर में मोबाइल सिग्नल का परीक्षण किया गया. आम जनता के लिए सार्वजनिक निजी सहकारिता (पी पी पी) तरीके से mKRISHI® मात्स्यिकी मोबाइल प्रौद्योगिकी का वाणिज्यिक लॉंच किया गया.
- खींच हैन्डिल और उठाने के संयंत्र के साथ पहिएदार बर्फ-बक्सें: मछली की गुणता कायम रखने, राजस्व बचाने और मानवीय प्रयास घटाने के लिए विभिन्न क्षमता के बर्फ-बक्सों का उपयोग किया जाता है. महिलाओ सहित छोटे, सीमांत और छोटे बिक्रेताओं के लिए ये बक्सें उपयोगी हैं. धूप की स्थिति में 100 लिटर के तगड़े बक्सों का उपयोग किया जाता है.
- सुगुणा राइस तकनीक : करीब 300 हितधारकों और मछुआरों को इस तकनीकी की ओर अवगत कराया गया. इस संदर्भ में डोक्युमेन्टरी की सैकड़ों डी वी डी और अंग्रेजी तथा मराठी में प्रकाशित किए गए.
- महाराष्ट्र के पलघार जिले में मछुआरों को शार्क परिरक्षण पर अवगाह जगाया गया.
जैवविविधता
- आनाय जाल और डोल जाल में पकड़ी गयी समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं के जैवविविधता सूचकांक का आकलन करके रिपोर्ट की गयी.
- पदपप्लवक, प्राणिप्लवक और नितलस्थ जीवों की विविधता का आकलन एवं मात्रा का आकलन किया गया.
- महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिला, गोवा और कर्नाटक के कारवार के प्रवालों और इनसे जुड़े हुए पादपों तथा जीवों पर डाटाबेस पर रिपोर्ट की गयी.
वन विभाग, मात्स्यिकी विभाग, पशुपालन विभाग, सीमा शुल्क विभाग के कार्मिकों और स्थानीय मछुआरों को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में समुद्री स्तनियों के धंसन और दर्शन पर अवगाह प्रशिक्षण दिया गय.