जलराशिकी प्रयोगशाला
पॉप-अप सैटलाइट टैग के उपयोग से येलो फिन ट्यूना का टैगिंग
सी एम एफ आर आइ मांगलूर अनुसंधान केन्द्र का दृश्य
मात्स्यिकी जीवविज्ञान प्रयोगशाला में सेइलफिश का मापन
मांगलूर मत्स्यन पोताश्रय में अवतरण की गयी ओडोनिस नीगर मछली
अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र
गृहांदर परियोजनाएं
कर्नाटक और गोवा के विदोहित समुद्री मछलियों का स्टॉक निर्धारण |
तटीय कर्नाटक में अपनाने के लिए अनुकूल छोटी समुद्री संवर्धन प्रौद्योगिकियों का प्रचार |
तटीय आवास तंत्र के स्वास्थ्य की निगरानी |
कर्नाटक की समुद्री मात्स्यिकी की समाज-आर्थिकता |
कर्नाटक और गोवा की समुद्री मात्स्यिकी के प्रबंधन के लिए परामर्श का विकास |
आगामी अनुसंधान परियोजनाएं
गृहांदर परियोजनाएं
कर्नाटक और गोवा की टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन योजनाओं का विकास |
मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए परिचालन पर आधारित कार्य नीतियों के सुझाव हेतु भारतीय तट की पख मछलियों और कवच मछलियों के वितरण और प्रचुरता का जी आइ एस पर आधारित संपदा मानचित्रण |
भारत की द्विकपाटी मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन योजनाओं का विकास |
भारतीय समुद्रों में बड़े पेलाजिकों के स्टॉक और मात्स्यिकी टिकाऊ बनाने की रणनीतियों का विकास |
भारतीय समुद्री मात्स्यिकी संपदाओं के लिए दूर संवेदन से समर्थित जैव गतिकीय पूर्वानुमान प्रतिमान |
समुद्री पिंजरा मछली पालन और तटीय समुद्री संवर्धन में नवाचार |
संकटपूर्ण समुद्री आवासों के लिए मात्स्यिकी आवास तंत्र की पुनस्थापना योजनाओं का विकास |
तटीय और समुद्री आवास तंत्र में प्रदूषण और कूड़े तथा इनका प्रभाव |
समुद्री मात्स्यिकी और टिकाऊ प्रबंधनः नीति मामले और हस्तक्षेप |
भारत में आवास तंत्र पर आधारित उत्तरदायित्वपूर्ण मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए क्षमता विकास- एक सह-अध्ययन कार्रवाई अनुसंधान |
भारतीय समुद्र में उपास्थिमीन संपदाओं का निर्धारण |
टिकाऊ मोलस्कन समुद्री संवर्धन कार्य |
आगामी – वित्त पोषित परियोजनाएं
भारतीय समुद्रों में ट्यूनाओं के प्रवास स्वभाव पर साटलाइट टेलीमेट्री अध्ययन(एस ए टी टी यु एन ए) |
राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘’टिकाऊ हिन्द महासागर जैवरासायनिक, पारिपारिस्थितिक अनुसंधान और जियोट्रेससजियोट्रेसस’’ (एस आइ बी ई आर) के अंदर्गत समुद्री एवं नदीमुख व्यवस्थाओं में पौष्टिकता स्तर से पदार्थ प्रवाह और जैवरासायनिक चक्र |
लचीला कृषि पर राष्ट्रीय पहल (एन आइ सी आर ए) |
स्थानीय समाधान के लिए भौगोलिक अधिगमः समुद्र पर निर्भर तटीय समुदायों का जोखिम कम करना |
पूरी की गयी अनुसंधान परियोजनाएं (पिछली योजना अवधि) :
गृहांदर परियोजनाएं :
कर्नाटक और गोवा की टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए प्रबंधन परामर्श (पी ई एल/ आइ डी पी/02) |
समुद्री मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन व्यवस्था, एफ आर ए डी, 2007-2008 |
विविध समुद्री संवर्धन पालन व्यवस्थाओं का विकास, एम एफ डी 2007-08 |
समुद्री मात्स्यिकी में संपदा क्षति का निर्धारणः आनाय मात्स्यिकी में किशोर मछलियों, उप पकड़ और अवांछित मछलियों की पकड़ का प्रभाव (सी एफ डी/ आइ डी पी/02) |
खुला सागर पिंजरा मछली पालन में जैवविविधता और पारिस्थितिक प्रभाव का निर्धारण (एम बी डी/ आर ई/ 03) |
समुद्री पिंजरा मछली पालन में नवोन्मेष और टिकाऊ प्रग्रहण पर आधारित जलजीव पालन का विकास (सी बी ए) |
भारतीय तट पर अंडजनन के बाद छोटे पेनिआइड झींगों के प्रवेश की गतिकी |
समुद्री मछुआरों में गरीबी और सीमांत के आयाम, कारण और रणनीतियों का नैदानिक अध्ययन |
दक्षिण भारत के खतरे में पड़े प्रवाल भित्ति आवास तंत्र पर समझना और पुनःस्थापना के लिए हस्तक्षेपों का रूपायन |
भारतीय समुद्र में लूटजानिड्स की विशेष और अंतराविशेष विविधता पर अध्ययन |
तटीय समुद्री पारिस्थितिकी और मात्स्यिकी पर मानीय गतिविधियों का प्रभाव |
छोटी पेलाजिक मछलियों के वितरण बदलाव पर पर्यावरण परिवर्तन का प्रभाव और वहनीय प्राप्ति अध्ययन |
संकटपूर्ण समुद्री आवासों के लिए मात्स्यिकी पारिस्थितिकी पुनःस्थापना योजनाओं का विकास |
समुद्री मात्स्यिकी सेक्टर में तटीय ग्रामीण ऋण और माइक्रोफाइनेन्स का प्रभाव |
मोलस्कों के समुद्री संवर्धन में प्रौद्योगिकीय उन्नयन |
पूरी की गयी – वित्त पोषित परियोजनाएं :
जलवायु परिवर्तन पर भारतीय समुद्री मात्स्यिकी के प्रभाव, अनुकूलन और भेद्यता |
विभिन्न प्रकार के मत्स्यन परिचालनों / लक्षित प्रजातियों के लिए ली गयी फायदों की तुलना के लिए केरल तट के परंपरागत एवं छोटे यंत्रीकृत सेक्टर के मछुआरों के बीच आइ एन सी ओ आइ एस द्वारा लाए गए पी एफ इज़ेड परामर्शों का मान्यकरण |
भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र और सपीपस्थ समुद्रों के समुद्री स्तनियों पर अध्ययन |
परामर्श परियोजनाएं :
अरब सागर में महासागरीय स्क्विडों (सेफालोपोडा) की उपयोगिता की कार्य नीतिः मूल्य श्रृंखला अभिगम |
मांगलूर एस ई इज़ेड की हाइड्रोबायोलजिकल स्थितियों पर निगरानी अध्ययन |
टिकाऊ तटीय संरक्षण और प्रबंधन |
प्रौद्योगिकियॉं / अवधारणाएं / जांच-परिणाम
प्रग्रहण मात्स्यिकी
- ई सी ओ एस आइ एम के उपयोग से कर्नाटक के अरब सागर की समुद्री मात्स्यिकी वहनीयता का पूर्वानुमान और प्रतिमान
- सुदृढ़ वैज्ञानिक डाटाबेस- विदोहित मछली स्टॉक के पकड़ एवं प्रयास तथा इनके वितरण, प्रचुरता, जीववैज्ञानिक विशेषताएं, मृत्यु दर, प्रति रिक्रूट वहनीय प्राप्ति, विदोहन स्तर, टिकाऊ वहनीय प्राप्ति और मत्स्यन परिचालन की तकनो- अर्थशास्त्र
- मांगलूर तट के नितलस्थ वनस्पतिजातों के आनाय के प्रभाव पर अध्ययन और रिपोर्ट प्रस्तुति
- स्थानीय भाषाओं में लॉग शीट तैयार करके मत्स्यन परिचालन, पकड़ एवं प्रयास पर इन-सिटू आंकड़ा संग्रहित करने हेतु वाणिज्यिक मत्स्यन यानों को दिए गए
- संपदा क्षति से बचने, मौसमिक किशोर मछली प्रचुरता की पहचान और परिरक्षण एवं टिकाऊ फसल संग्रहण हेतु स्थानिक-सामयिक संपदा मानचित्रण के लिए समुद्री मात्स्यिकी में भगीदारी जी आइ एस कार्यक्रम (पी जी आइ एस)
- आनायकों से CO2 उत्स्रवण कम करने के लिए समुद्री मछलियों के संपदा मानचित्रण हेतु नवोन्मेषी जी आइ एस पर आधारित कार्य प्रणाली का विकास
- कर्नाटक तट के मत्स्यन प्रदर्शन द्वारा प्रचलित प्रकाश के साथ कोष – संपाश
- विनाशकारी मत्स्यन तरीकों के प्रभावों की ओर सावधारी पर परामर्श राज्य प्रशासन को प्रदान किया
- विवेकी मात्स्यिकी प्रबंध निर्णय के लिए मार्गदर्शन देने के लिए शीर्षपाद संपदाओं (कर्नाटक) के लिए लिमिट रेफेरेन्स पोइन्ट (LRP),YMSY & fMSY और टार्गेट रेफेरेन्स पोइन्ट (TRP) f0.1
- पूर्व अरब सागर (भारत का दक्षिण-पश्चिम तट) में प्रचलित कटलफिश सेपिया फरोनिस जीवसंख्या (क्लाड सी) में इन्टर-कोहोर्ट वृद्धि के तरीके का प्रतिमान
- कठोर भागों के उपयेग से भारतीय स्क्विड यूरोट्यूथिस (फोटोलोलिगो) डुवासेली की आयु के आकलन के नयाचार का विकास
- पॉप-अप साटलाइट टैग के उपयोग से बड़े आकार के येलोफिन ट्यूना के टैगिंग के लिए नयाचार का मानकीकरण
- US NSSP और EU के मार्गनिर्देशों के आधार पर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले के लिए द्विकपाटी फसल संग्रहण क्षेत्र का वर्गीकरण विकास
समुद्री संवर्धन
- कर्नाटक के सालिग्राम के मछुआरों के लिए भागीदारी कार्य मोडल (पी ए एम) के उपयोग से हरित शंबु प्रौद्योगिकी का विकास
- सालिग्राम के चिंगट पालनकारों की सहभागिता से अतिरिक्त आय कमाने के लिए शंबु और चिंगटों के एकीकृत पालन
- कर्नाटक में पंक-केकड़ा वजन बढ़ाव के तकनीक का प्रारंभ और प्रचार
- कर्नाटक के परंपरागत मछुआरों के सहयोग से अपतटीय पिंजरों में पख मछली और क्रस्टेशियनों के पालन के लिए प्रौद्योगिकी का विकास और प्रदर्शन
- कर्नाटक राज्य के परंपरागत मछुआरों के सहयोग से कर्नाटक राज्य के लिए प्रग्रहण पर आधारित जलजीव पालन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन
- समुद्री संवर्धन की सफलता के लिए स्थानीय समुद्री योजना के लिए अवधारणा का विकास
- द्विकपाटियों का निलंबित पालन के तकनीकों का सुधार किया गया और कर्नाटक के नदीमुखों एवं तटीय समुद्र में रैक, रैफ्ट और लंबी डोर के उपयोग से शंबु पालन के लिए स्थान विशेष नयाचारों का विकास किया गया.
समाज विज्ञान
- समुद्री मात्स्यिकी के सभी सेक्टरों के मछुआरों की गरीबी का निर्धारण हेतु सहभागितापूर्ण गरीबी निर्धारण रजिस्टर (पी पी ए आर) के उपयोग से सहभागितापूर्ण गरीबी निर्धारण (पी पी ए) किया गया.
- कर्नाटक के समुद्री मात्स्यिकी सेक्टरों के लिए बहु आयामी गरीबी सूचकांक (एम पी आइ) विकसित किया गया.
- जलवायु के प्रति कर्नाटक के तटीय जिलों की सुभेद्यता का मापन करने हेतु सुभेद्यता सूचकांक (वी आइ) विकसित किया गया.
- प्रग्रहण पर आधारित जलजीव पालन में स्थायी प्रथाओं के ग्रहण का मापन करने के लिए मछुआरा स्थिरता सूचकांक (एफ एस आइ) विकसित किया गया.
मात्स्यिकी पर्यावरण
- मांगलूर तट (कर्नाटक, भारत) की महासागरीय स्थितियों के मौसमिक और अंतर वार्षिक बदलाव तथा वेलापवर्ती मात्स्यिकी में इनके प्रभाव.
- पर्यावरण में बदलाव के अनुसार द्विकपाटियों की शारीरिक बयोमार्कर प्रतिक्रिया और द्विकपाटी पालन के लिए स्थान चयन का औजार विकसित किया गया.
- समुद्र जल में ट्रेस धातुओं Cd, Pb, Cu, Zn, Ni और Fe के स्तर तथा हरित शंबु पेर्ना विरिडिस में इनके जैव संचय की निगरानी की गयी.
- क्लोरोफिल और मछली उत्पादन विधिमान्य बनाने हेतु मात्स्यिकी एवं पर्यावरणीय प्राचलों के स्वस्थाने संग्रहण के लिए सैंप्लिंग नयाचार विकसित किया गया.
- नदीमुखों और तटीय क्षेत्रों के पानी की गुणता का मौसमिक एवं वार्षिक निगरानी की गयी.
- बांगडा, तारली, स्क्विड, केकड़ा और झींगा में ट्रेस मेटल (आर्सनिक और मेर्क्युरी) डब्लियु एच ओ की सुरक्षित सीमा के अंदर पाए गए.
- कर्नाटक और गोवा के तटीय पुलिनों में समुद्री अपशिष्टों के प्रभाव पर अध्ययन किया गया.
जैवविविधता
- प्रवाल मछलियों के लिए कर्नाटक में पहली बार जलांदर दृश्य जीव संख्या गणना हेतु डाटाबेस विकसित किया गया.
- कर्नाटक के समुद्री, नदीमुखों और द्वीपों के जीव ताथा वनस्पतिजातों का आकलन किया गया.
- कर्नाटक में पाए जाने वाले तटीय और समुद्री पक्षियों (41 प्रजाति) की पहचान एवं फोटोग्राफी किए गए.
- कर्नाटक के तटों से समुद्री स्तनियों, समुद्री कच्छपों के धंसन, दर्शन और आकस्मिक पकड़ का आकलन किया गया.
- केन्द्र द्वारा 14 परामर्श परियोजनाओं (2004-2009) के द्वारा कुल 78.28 लाख रुपए जगाया गया.