अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र
विषिंजम और समीपस्थ क्षेत्रों में समुद्री मात्स्यिकी संपदा विशेषताओं का निर्धारण |
समुद्री अलंकारी मछलियों, खाद्य मछलियों और अकशेरुकियों के प्रग्रहण अवस्था में प्रजनन, संतति उत्पादन और पालन प्रौद्योगिकियों का विकास |
चुने गए माइक्रोप्लांक्टेर्स के लिए जीवित खाद्य पालन तकनीकों का विकास |
समुद्री मछलियों और अकशेरुकियों की जैवविविधता पर ज्ञान आधार का विकास |
बिम्ब मोती उत्पादन प्रौद्योगिकी का शोधन और प्रचार |
वर्ष 1951 में डॉ. एन.के.पणिक्कर, मुख्य अनुसंधान अधिकारी, केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान स्टेशन, मंडपम कैम्प के निर्देशानुसार केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के विषिंजम अनुसंधान केन्द्र का प्ररंभ किया गया. इसके बाद वर्ष 1965 में रिसर्च यूनिट और वर्ष 1969 में सब-स्टेशन के रूप में इसका उन्नयन किया गया. बाद में और अधिक अनुसंधान कार्यक्रमों और कार्मिकों के साथ पूर्ण अनुसंधान केन्द्र के रूप में इसका विकास हुआ. केरल के तिरुवनंतपुरम जिला के नेय्याट्टिनकरा तालुक के तटीय गॉंव विषिंजम में केन्द्र स्थित है. यह केन्द्र तिरुवनंतपुरम नगर से दक्षिण 15 कि.मी. की दूरी में है और प्रसिद्ध मत्स्यन हार्बर और लाइट हाउस तथा अरब सागर तट से आवृत ब्लू बीच भी यहॉं स्थित हैं.
इस केन्द्र में अग्रणी अनुसंधान कार्य हो रहे हैं, इसके अलावा इस क्षेत्र की समुद्री मात्स्यिकी के बारे में पर्याप्त ज्ञान का योगदान किया जा रहा है. पहले यह केन्द्र किराए भवन में था और केन्द्र के महत्व पर मानते हुए केरल सरकार ने सी एम एफ आर आइ विषिंजम अनुसंधान केन्द्र के लिए स्थायी कार्यालय एवं प्रयोगशाला भवन, समुद्री हैचरी और समुद्री अनुसंधान जलजीवशाला के निर्माण के लिए 1.7 एकड़ की भूमि का आबंटन किया. कार्यालय एवं प्रयोगशाला भवन का निर्माण समाप्त होने पर अप्रैल 2013 में केन्द्र नए भवन में कार्यरत होने लगा और जून 2014 से लेकर नयी समुद्री अनुसंधान प्रयोगशाला आम जनता के लिए खुली गयी.
चालू अनुसंधान परियोजनाएं
समुद्री मात्स्यिकी के टिकाऊपन के लिए ज्ञान पर आधारित सूचना व्यवस्था का विकास |
समुद्री मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली |
केरल और लक्षद्वीप की टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन का विकास |
केरल और लक्षद्वीप के बड़े पेलाजिकों के स्टॉक एवं मात्स्यिकी के टिकाऊपन हेतु कार्यनीति का विकास |
तमिल नाडु और पुदुचेरी की टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन का विकास |
भारतीय समुद्रों में उपास्थिमीन संपदाओं का निर्धारण |
मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए परिचालन पर आधारित कार्यनीतियों के सुझाव हेतु भारतीय तट की पख मछलियों एवं कवच मछलियों के वितरण और प्रचुरता पर जी आइ एस पर आधारित मानचित्रण |
टिकाऊ मोलस्क समुद्री संवर्धन प्रथाएं |
भारत की द्विकपाटी मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन योजनाओं (एफ एम पी) का विकास |
समुद्री संपदाओं से समु्द्री संवर्धन एवं जलजीव पालन तथा बयोप्रोस्पेक्टिंग के लिए समुद्री संवर्धन की गयी पख एवं कवच मछलियों का स्वास्थ्य प्रबंधन |
समु्द्री संवर्धन एवं अक्वारिचल्चर के लिए जलीय खाद्य जैवप्रौद्योगिकी |
भारत की समुद्री मात्स्यिकी सेक्टर के लिए पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन |
समुद्री मात्स्यिकी और टिकाऊ प्रबंधन का अर्थशास्त्रः नीति मामले और हस्तक्षेप |
भारत में आवास तंत्र पर आधारित उत्तरदायित्वपूर्ण मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए क्षमता वर्धन, सह सीखने का कार्रवाई अनुसंधान |
भारतीय तट के चुने गए आवास तंत्र के समुद्र जीवों का जैव सूचीकरण और जैवविविधता मूल्यांकन |
भारतीय समुद्रों के कमजोर मूंगा चट्टान आवास तंत्रों के परिरक्षण के लिए प्रबंधन उपायों के निर्माण पर विशेष संदर्भ में इन पर जांच |
खतरे में पड़ी प्रजातियों की सुरक्षा के लिए प्रबंधन उपायों के निर्माण पर विशेष संदर्भ में जैवविविधता नष्ट पर मत्स्यन प्रभावों का आकलन |
चुनी गयी उच्च मूल्य वाली पख मछलियों और कवच मछलियों के संतति उत्पादन प्रौद्योगिकी का विकास और मानकीकरण |
समुद्री पिंजरा मछली पालन और तटीय समुद्री संवर्धन में नवोन्मेष |
भा कृ अनु प की मेगा सीड परियोजना |
केरल और लक्षद्वीप की बडे वेलापवर्ती मछलियों और एपीपेलाजिक आवास तंत्र के आवासीय मोडेलिंग पर इकोबयोलजिकल जांच |
अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजना – समुद्री संवर्धन |
ग. परामर्श परियोजनाएं
वर्कला के काप्पिल में स्थित सी लाइफ लीशर पार्क की पूर्व-व्यवहार्यता पर अध्ययन |
पूरी की गयी अनुसंधान परियोजनाएं
समुद्री मात्स्यिकी के टिकाऊपन के लिए ज्ञान पर आधारित सूचना व्यवस्थाओं का विकास |
समुद्री मात्स्यिकी प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन व्यवस्था |
केरल और लक्षद्वीप में टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए प्रबंधन परामर्श |
भारतीय तट पर ट्यूना मात्स्यिकी के टिकाऊपन के लिए कार्यनीतियॉं |
तमिल नाडु और पुदुचेरी की टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए मात्स्यिकी प्रबंधन का विकास |
समुद्री संवर्धन और परिरक्षण में जैवप्रौद्योगिकीय प्रयोग |
समुद्री संवर्धन की गयी पख मछलियों और कवच मछलियों में रोगजनक प्रोफाइलिंग, निदान और स्वास्थ्य प्रबंधन |
भारत के समुद्री मछुआरों में गरीबी एवं उपेक्षा के आयाम, कारण और उन्नयन की रणनीतियों पर नैदानिक अध्ययन |
तमिल नाडु और पुदुचेरी की टिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी के लिए प्रबंधन सलाह |
भारत में मात्स्यिकी विपणन और बदल निवेश विकल्पों का लाभ लागत विश्लेषण, सह सीखने का कार्रवाई अनुसंधान |
दक्षिण भारत के कमज़ोर मूंगा चट्टानों पर समझना और उनकी पुनःस्थापना के लिए हस्तक्षेप बनाना |
भारतीय समुद्रों में करंजिडों की विशेष और इनफ्रास्पेसिफिक विविधता पर अध्ययन |
भारत में लूटजानिडे कुटुम्ब की मछलियों की प्रजाति भिन्नता और जैवविविधता |
खुला सागर पिंजरों में जैवविविधता और आवासीय परिवर्तन का आकलन |
भारत के दक्षिण पश्चिम तट के समुद्री आवास तंत्र की जैवविविधता का आकलन |
विभिन्न समुद्री संवर्धन प्रणालियों का विकास |
चुनी गयी समुद्री खाद्य मछलियों और अलंकारी मछलियों के अंडशावक विकास, प्रग्रहण अवस्था में प्रजनन और संतति उत्पादन |
भा कृ अनु प की मेगा सीड परियोजना |
भारत में खुला सागर पिंजरा मछली पालन का प्रदर्शन (एन एफ डी बी) |
मछली खाद्य पर भा कृ अनु प आउटरीच परियोजना |
तिरुवनंतपुरम के हाउआ बीच, कोवलम के बहुउद्देशीय पुलिन की मात्स्यिकी संपदाओं के प्रभाव का निर्धारण. केरल सरकार के प्रौद्योगिकी विभाग के लिए |
विषिंजम पत्तन न्यास के विकास हेतु आधार भूत आंकडा संग्रहण और पर्यावरण की निगरानी एवं सामाजिक प्रभाव निर्धारण. एशियन कनसल्टन्ट इंजिनीयर्स, नई दिल्ली के लिए |
मछली खाद्य पर भा कृ अनु प आउटरीच परियोजना |
प्रौद्योगिकियॉं / अवधारणाएं / जांच-परिणाम