सभी को हार्दिक अभिवादन
हमारे प्रिय भूतपूर्व निदेशक डॉ. ई. जी. सैलास का दिनांक 27 अप्रैल2018 को हुआनिधन मात्स्यिकी दुनिया, विशेषतः भा कृ अनु प – सी एम एफ आर आइ के लिए अपूरणीयक्षति है. वर्ष 1975-85 की अवधि के दौरान संस्थान के निदेशक के रूप में उनकीदूरदर्शी कार्रवाईयां और मार्गदर्शन हमेशा याद रखे जाएंगे. देश में मछुआरों औरसमुद्री मछली पालनकारों की आकांक्षाएं और प्रत्याशाएं बढ़ती जा रही हैं. स्वच्छ एवंटिकाऊ समुद्री मात्स्यिकी क्षेत्र में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संस्थानवचनबद्ध है. हाल ही में समुद्री अपशिष्टों पर आयोजित सम्मलेन (CoMaD) केविचार – विमर्श सत्र में इस बात पर चर्चा की गयी थी कि प्लास्टिक के प्रदूषण को रोकनेसमुद्री पर्यावरण तथा इसके संसाधनों को संरक्षित करने का नाज़ुक घटक है और इस परसभी हितधारकों को गंभीरता से सोचना चाहिए. प्रग्रहण मात्स्यिकी क्षेत्र के समुद्रीमछली उत्पादन को समुद्री संवर्धन गतिविधियों द्वारा बढाया जा सकता है. खुले सागरमें पिंजरा मछली पालन पर एन एफ डी बी के वित्त पोषण से विभिन्न समुद्रवर्तीराज्यों में प्रशिक्षण प्रारम्भ किए गए हैं, जो मात्स्यिकी क्षेत्र में प्रगतिलाने में आशादायक हैं.
ए. गोपालकृष्णन
निदेशक
ई मेलः director.cmfri@icar.gov.in